उपकार की भेंटे अपनी
प्रभु को चढना हेै।
प्रभु को चढाना है
जो भी हमारा प्रभु का सारा,
जिसका उसको देना है।
भंडारी हम प्रभु के जग में,
दसवां ही लौटाना है।
ख्रीष्ट प्रभु ने स्वर्ग को त्यागा,
हमको प्रेम दिखाना है
हिस्सा दो प्रभु को जो कुछ हो,
निज भेंटे भी लाना है।
ईश्वर की है कृपा भारी,
हमको धन्य मानना है
सारा जीवन दे दो प्रभु को,
तब आशीषें पाना है।