तेरे सम्मुख शीश नवाते,
हे जग के करतार,
डूबे हुओं को दे दो सहारा,
कर दो बेड़ा पार।
पाप के बादल सिर पर छाये,
घिरा हुआ तूफान,
तुम बिन नैय्या कौन सम्भाले,
मेरे प्रभु महान,
आके बचालो प्राण हमारे,
जग के खेवनहार।
जन्म के अन्धों को दी आंखें,
रोगी लिए बचाये,
पाप क्षमा किये सब पापिन के,
मुर्दे दिये जिलाये,
पापी हृदय हम भी लाये,
धो दो पालनहार।,
सुन्दर पक्षी, पर्वत, सागर
सबके सृजनहार
आके विराजो मन मन्दिर में,
बन्दे करें पुकार,
व्याकुल हृदय तुमको पुकार,
आजा तारणहार।