तारीफ, तारीफ
मिलके करो सारे तारीफ (2)
यीशु की जो हे प्यारा मुन्जी
उसने हम सब को हे बनाया
जो कुछ दिखता उसने रचाया(2)
सारे जहां का वह शाहनशाह(2)
पापों से वह पाक है करता
सारी खतायें माफ है करता (2)
सारे रोगों को करता चंगा (2)
उसकी मौत से ज़िन्दगी है पायी
आशा नयी एक उसने दिलायी (2)
बैंठेगे तख्त पर फृतहमन्द ही (2)
हम्द-ओ-सनन्ना हम मिल के करेंगे
सदा वहां पर उसको ताकेंगे (2)
गीत नया वहां गायेंगे (2)