ओहो मसीह आया ज़मीन पर, खुशी होती है सारे
आसमान। आसमान! (5)
अपने गललों की
करते रखवाली
गडरिए बारी-बारी,
हो जैसे पासबान।
पासबान! (5)
उन पर चमका,
उजियाला बड़ावाला
कि जिससे हुआ रौशन,
तमाम वो मैदान।
वो मैदान! (5)
एक लश्कर तब,
आया आसमानी,
सुनाई स्वर्गीय वाणी,
बहुत ही खुश इल्हान।
खुश इल्हान! (5)
रब्ब को ऊपर बढ़ाई,
नीचे सुलह सलामती हो मिन्नत
हो मिनन्नत हो राज़ी सब इन्सान।
सब इच्सान! (5)