क्रुस पर क्रुस पर
हे ये कौन लहुलुहान
मेरा स्वामी मेरा नाथ
मेरे खातिर देता जान
इस महान प्यार को
मैं ने ठुकरा दिया
इस महापाप को
हे प्रभु कर क्षमा
पाप से करने प्यार
अब मैं क्यों जाऊंगा
तेरी सन्तान बना
मैं प्रभु जीऊंगा
आये क्लेश कितने भी
हानि हो हर कहीं
क्रूस के प्रम को
भूलूंगा मैं नहीं