कौन भला मेरे जीवन में
खुशबू लेकर आया है
जीवन के इस उपवन को
क्यों इतना महकाया है।
युग-युग से ये जीवन मेरा
कितना गंदा मैला था
काया कैसी पतित हुई थी
पाप का रोग जो फैला था
आज दया के सागर से
मैंने भी कुछ पाया हे
जीवन के इस...
प्रभु ने मुझको वचन दिया हे
तुझको कभी न छोूँगा
शान्ति अपनी तुझको दूंगा
धोखा कभी नहीं दूँगा
आज प्रभु को मैंने भी
सम्पूर्ण मन से पुकारा है जीवन...
मेरा मन प्रभु का अभिलाषी
जीवन उसका प्यासा हे
दुख-सुख में जीने मरने
मात्र वो ही आशा हे
उसकी करूणा से मेरा मन
कितना भर आया हे
जीवन के इस...