खीष्ट यीशु दयालु प्रभु,
तू ही है तारणहार,
हम सब गाते हल्लेलूय्याह
तेरी हो जयजयकार ।
जन्म तू ने जगत में लिया,
कंगाल घर में जीवन बिताया,
संकट कष्ट तू ने उठाया,
किया हमारा उद्धार ।
शिष्यों की नेय्या खतरे में जब थी,
आंधियों से जब डगमगाती थी,
आज्ञा देकर आंधी थमा दी,
बेडा किया तू ने पार ।
पाप का रोगी जीवन भर में था,
यत्न भी करता पर कुछ न बना था,
यीशु जब तेरा वस्त्र छुआ था,
चंगा हुआ यह बीमार ।