खामोश रातो की ठंडी हवओ से
आई फारिस्टो की मीठी आवाज़(2)
पैदा हुआ पैदा हुआ
मुक्ति दाता हुमारा पैदा हुआ
तरण दाता हमारा पैदा हुआ(2)
फारिस्टी ने आके ज़ामी पे,
गडारिओ को दियाया इशारा,
पैदा हुआ है मुंजी जो,
मिलेगा तुम्हे घौषल.(2)
चरवाहॉ ने भी उसको सजदा किया(2)
देखो वो पूरब दिशा से
आए थे तारे के पीछे
माजुषी भी शार को झुकते
शिकसहक यीशू को ही माने(2)
बुद्धि मानो ने भी उसको सजदा किया(2)