कलवरी के पास खड़ा हो,
खून की धार देखता जा
तेरे पापों का यही दाम,
दिया है मसीह यीशु ने।
को हर एक आँख यीशु को देखेगी,
बादलों पर आते हुए,
छेदा था जिन्होंने उसे
छाती पीटकर सिजदा करेंगे।
ये हुआ सब तेरे लिए,
तूने भी उसे छेदा है,
फिर भी प्यार से हे बुलाता,
जाता क्यों नहीं पास उसके।
ऐ नादान क्यों जाता उदास,
कर कबूल चश्मे में नहा
सारे दागृ मिटा पापों के,
रहेगा आराम खुशी से।
जल्दी वक्त गुज़रता जाता हे,
रात अन्धेरी आती है,
तोबा का दरवाज़ा होगा बंद,
कुछ न होगा फिर पछताने से।
कबर का वह तोड़कर बंध,
ऊपर गया भेजा रुह-ए-पाक्
तुम्हें लेने जल्दी आता है,
हो तैयार यीशु से मिलने को।