कलवरी पर यीशु मुआ (2)
वहाँ जीवन का सोता निकाला
पापी प्यास तू अपनी बुझा (2)
उसके पंजर में भाला छिदा
उसके हाथों में कीले ठुखे
उसने क्या क्या दुःख न सहा (2)
उसके लहू से ले तू नहा
साफ होंगे तेरे गुनाह
वह सब के लिए है मुआ (2)
हे पापीयों तुम भी पीओ,
हे धर्मियों तुम भी पीओ
वह सब क लिए है मुआ (2)