जो कुछ तू चाहे, रब्ब, मुझसे कर
मैं मिट॒टी हूँ और तू है कुम्हार,
हाथों में लेकर मुझे तू गूंध,
देख तेरे सामने हाजिर मैं हूँ।
जो कुछ तू चाहे, रब्ब, मुझसे कर,
जाँच मेरे दिल को आज, सरासर;
अभी कर मुझे बर्फ से सफेद,
तुझसे है मेरी यही उम्मीद।
जो कुछ तू चाहे, रब्ब, मुझसे कर,
ज़ख्मी लाचार पर फज़ल अब कर,
कुदरत और ताकत तेरी ही हे,
छू और शिफा दे, यीशु मुझे।
जो कुछ तू चाहे, रब्ब, मुझसे कर,
रख अब से मुझ पर तू इख्तियार;
पाक रूह से कर दे मुझे मामूर,
ताकी सब जानें तेरा मैं हूँ।