झरनों की तरह मुझमें तू बहे,
जीवन का जल मुझे पिलाए,
साथी की तरह संग संग तू चले,
जीवन को मेरे, तू बढ़ाए --(2)
तू आराधना के योग्य है प्रभु,
तू महिमा के योग्य है --(2)
सासों की तरह मुझमें तू बसे,
जीवन को मेरे तू चलाए,
धड़कन की तरह मेरे दिल में तू धड़के,
आत्मा में मुझे जिलाए --(2)
तू आराधना के योग्य है प्रभु,
तू महिमा के योग्य है --(2)
तू योग्य है मेरे जीवन में,
सदा योग्य है मेरे जीवन में,
तू योग्य है, तू योग्य है,
अपने वादों पे तू है अटल,
अब मुझको ना किसी का डर,
तू योग्य है, तू योग्य है --(3)
तू आराधना के योग्य है प्रभु,
तू महिमा के योग्य है --(4)