जीवन की ज्योति जली-जली
जीवन को ज्योति जली
देश यहूदा को बेतलहेम में
जीवन की ज्योति जली-जली
जीवन की ज्योति जली।
आसमाँ पर एक तारा
जा रहा था झूम कर
कर रहा था वो इशारा,
दूर के सवारों को
जाना उन्होंने माना उन्होंने
लाये जो उसपे ईमान।
जीवन की ज्योति
देखो चरनी के सहारे
सो रहा मरियम का लाल
कर रहा था अपनी माँ की
उस गरीबी का ख्याल
ग्वालों की बस्ती में
बेलों की चरनी में
पैदा हुआ है मसीह।
जीवन की ज्योति.....