जय जय प्रभु यीशु की -(2)
हमको बचाने आया जगत में,
उसकी स्तुति करो,
गाओ खुशी के गीत
हे धरती हे आकाश
आया मसीह जगत में
पाप का करने नाश
हालेलूयाह आमीन
खून की धारा बहती सूली से,
जिसमें धुले सब पाप,
धोलो अब तुम अपने हृदय को,
उसमें रहें न दाग
ग्रहण करो तुम आज यीशु को,
प्रेम की बहती धार,
उसको बना लो खेवनहारा,
नाव लगा लो पार
वापस आता मेरा प्रभु जी,
ले जायेगा साथ,
आशा मेरी अब तो यही है,
चलो तुम मेरे साथ
हर दम होंगे साथ यीशु के,
खुशी व शान्ति आराम,
आयेगा वह लेने तुम्हें भी,
रहना तुम तैयार।