है दी आवाज़ फ़रिश्तो ने ज़मी के लोगो को
उतर आया जहा में अब खुदा इंसान बन के
है दी आवाज़.......2
वो आया है गुनाह की कैद से आज़ाद करने को
जो उजड़े जिन्दगी के बाग उन्हें आबाद करने को
न हो मायूस खुदा आया उमीदो का जहाँ बनके
उतर आया जहाँ में ...
जो बैठे है अंधेरो में वो आये रौशनी ले ले
गमो में रहने वाले ज़िन्दगी की हर खुशी ले ले
वो आया है खुदा इंसान, मेहरबान बनके
उतर आया जहाँ में ...
तुम्हारे वास्ते वो आसमानी प्यार लाया है
नया जीवन नयी राहे नया संसार लाया है
कभी जो खत्म न हो आया ऐसी दास्ताँ बनके
उतर आया जहाँ में ...