गिन गिन के स्तुति करु,
बेशुमार तेरे दानों के लिए
अब तक तूने सम्भाला मुझे,
अपनी बांहों में लिए हुए।
तेरे शत्रु का निशाना,
तुझ पर होगा न सफल
आंखों की पुतली जैसे,
वो रखेगा तुझे हर पल।
आधियांबनके आये,
जिन्दगी के फिकर
कौन तेरा खेवनहारा,
है भरोसा तेरा किधर।
आयेतुझे जो मिटाने,
वे शस्त्र होंगे बेअसर
तेरा रचने वाला तुझ पर,
रखता हैं अपनी नजर