देखो देखो कोई आ रहा हे
कैसा जलवा मसीह आ रहा है
आँखें अपनी उठाकर तो देखो
कैसी शान से मसीह आ रहा हे।
वह भी केसी सवारी है देखो
आसमान की बेदारी तो देखो
बाजे बजते हैं दूत गाते हैं
क्योंकि दूल्हा चला आ रहा है
वहाँ सूरज न, चाँद है ना कोई
अब तो मुर्दे पड़े हैं, न कोई
हम सब डरते हैं, ओर काँपते हैं
न्याय करने मसीह आ रहा है।
यह दुनियाँ हमारी मिटेगी
एक नई दुनियाँ, फिर से बसेगी
सब नया होगा, जग नया होगा
राज्य करने मसीह आ रहा है।
अब नहीं है, वह काँटों का सेहरा
वह तो पहिने है दुल्हे का सेहरा
ज़िन्दगी जय वतन, कैसी प्यारी दुल्हन
जिसको लेने मसीह आ रहा हे।