चखकर मैंने जाना है,
यहोवा कैसा है भला,
उद्धारकर्ता की शरण में
आकर में धन्य हुआ।
जीवन भर मैं तेरी,
स्तुति सदा करूँगा
उत्तम पदार्थों से,
तूने मुझको है तृप्त किया।
जीवन भर में तेरी
करुणा को न भूलुगा,
संकट में जब में पड़ा,
तूने आकर सहारा दिया।
प्रतिकूल परिस्थिति में,
मैंने तेरी सामर्थ देखी,
अपने वायदों को तूने,
मेरे जीवन में पूरा किये।