आवाज़ उठाएँगे, हम साज़ बजाएँगे
है यीशु महान अपना, ये गीत सुनाएँगे।
संसार की सुन्दरता में,
ये रुप जो तेरा ही
इन चाँद सितारों में,
है अक्स तो तेरा ही-
महिमा की तेरी बातें,
हम सबको बताएँगे।
है यीशु महान...
दिल तेरा खज़ाना हे,
एक पाक मुहब्बत का
थाह पा न सका कोई,
सागर है तू उलफृत का -2
हम तेरी मुहब्बत से,
दिल अपना सजाएँगे।
है यीशु महान...
ना देख सका हमको,
तू पाप के सागर में
और बन के मनुष्य आया,
आकाश से सागर में
मुक्ति का तू दाता हे,
दुनियाँ को बताएँगे
है यीशु महान...