आशीष तुमसे चाहते हैं
हे स्वर्गीय पिता हम आते हैं
ना कोई खूबी हे, ना लियाकृत
बख्शो हमको अपनी ताकत
खाली दिलों को लाते हैं
हमने बहुत खताएँ की हैं
रहे निकम्मे जफाएँ की हैं
शर्म से सिर झुक जाते हैं
तुम हो शक्तिमान प्रभु जी
दया भी है अपार प्रभु जी
स्तुति हम सब गाते हैं
भूलो न इन बन्दों को तुम
क्रूस पर दुःख जो सहते थे तुम
उस ही प्रेम को चाहते हैं