अनोखा प्यार है तेरा करूँगा स्तुति
तेरी मैं सर्वदा (2)
शुन्य से लेकर तूने मुझे
रच लिया अपने ही रूप में
प्रेम किया है अनन्त प्रेम से
दिया पुत्र मेरी मुक्ति के लिए।
जग में आया यीशु स्वर्ग छोड़कर
मेरा सारा दर्द सह लिया यीशु ने
कोडे खाकर क्रूस उठाकर यीशु ने
मुझे मुक्ति और चंगाई दे दी हे।
3. अन्न वस्त्र और सभी आशीषें,
दी मुझे तूने भरपूरी से
खतरों और सब मुसीबतों में,
आँख की पुतली जैसे संभाला मुझे।