अंधा था मैंमुझे देखना सिखायालंगड़ा था मैंमुझे चलना सिखायाथा मैं अग्ज्ञानी सत्य बतायामैं था अनाथ उसने अपना बनाया
अब मैं करूं धन्यवाददिल से करूँ शुक्रियाजीवन मैं अपना समर्पित करूँदिल से करूँ धन्यवाद