ऐ हमारे बाप तू जो आसमान में है
तेरा नाम पाक् माना जाए,
तेरी बादशाहत आए
जैसी तेरी मर्जी,
आसमान में पूरी होती
वेसे ही तेरी मर्जी,
जगत में पूरी हो
रोज्ञ की रोटी हमारी
आज हमको दे दे
जीवन की रोटी तू है,
वह ही हमारा बल है।
जिस तरह हम अपने,
अपराधी को माफ करते
उस तरह तू हमारे
अपराधों को माफ कर दे
हमें आज़माइशों में,
जाने तू न देना
बल्कि बुराई से बचा
अपनी राह पर चला
क्योंकि आसमानी बादशाहत,
और कृव्वत, कुदरत
जरों ज़मीन का जलाल है
हमेशा तेरा, आमीन, आमीन...