ऐ गमज़दा परेशान,
होता है क्यों हिरासान
यीशु के कदमों में आ,
पाएगा तू इत्मीनान
तेरे गुनाह बेशुमार
फिक्रों और दुःखों का भार
यीशु उठाएगा आज
उलफृत है यह बे-बयान... (2)
शक दिल में कोई न ला,
यूँ न भटक आ भी जा
तूझको न ठुकरायेगा
वह है बड़ा महरबान।... (2)
आता हूँ प्यारे मसीह,
जैसे भी हूँ मैं सही
तू ही है मेरी उम्मीद
तू ही है मेरी चट्टान... (2)