ऐ दुनिया को लोगों,
ऊँची आवाज़ करो
गाओ खुशी के गीत
उसका गृणयाण करो
इबादत करो उसकी, इबादत करो
याद रखो के वही एक खुदा है
हमको ये जीवन उसी ने दिया है
उस चारागाह से हम सब हैं आये
हम्द दो सन्ना के हम गीत गायें
रब्ब का तुम शुक्र करो,
ऊंची आवाज़ करो
गाओ ख़ुशी के गीत
उसका गुणगाण करो
इबादत करो उसकी इबादत करो ।
नामे खुदावंद कितना मुबगक
मेरा खुदावंद कितना भला है
रहमत है उसकी सदियों पुरानी
वफा का अजल से,
यही सिलसिला हे
उसके घर आओ चलो
उस पर ईमान धरो
गाओ ख़ुशी के गीत,
उसका गुणगाण करो
इबादत करो उसकी इबादत करो ।