ऐ बाप आसमानी
आली मकाम तेरा
है पाक जात तेरी,
है पाक नाम तेरा
जैसे की आसमां पर,
है तेरी पाक मर्जी
वेसे ही इस ज़मीं पर,
हो इंतज़ाम तेरा
रोज़ाना की हमारी,
रोटी हमें अदा कर
मिलती रहे हमेशा
हमको यह दान तेरा
जैसे कि बख्शते हें,
हम अपने मुजरिमों को,
वैसे ही बख्श हमको,
बख्शीश इनाम तेर
मत डाल इम्तिहान में,
हमको आज बचा ले
कैसे बदी से छूटें
पापी गुलाम तेण
कुदरत जलाल तेरा,
है बादशाहत तेरी
जारी रहे हमेशा,
ये इन्तज़ाम तेण