अब्बा पिता हे प्रेमी परमेश्वर,
दयालु ,तारणहार ,त्रिएक परमेश्वर।
खोए हुए थे, भटके हुए थे,
ढूंढने हमें आया।
गले लगाया ,चूमा है हमको
शरण में ले आया।
हम तो दलित थे हम तो पति थे,
डाली नजर हो नाथ।
ढाढ़स बदाया अंासू को पोंछा,
थामा हमारा हाथ।
दल-दल की कीच में हम तो पड़े थे,
तूने निकाला हमें ।
कलवरी खुन से हमें खरीदा,
अपना बनाया हमें।
हरदम हमारे साथ रहकर,
हमें सम्भालता है।
अटल प्रभु जो अनंत प्रेमी,
महिमा के योग्य है तू।